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हिंदी बोलने की मांग पर भड़कीं काजोल, बोलीं- "जिसे समझना है, वो समझेगा"
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बॉलीवुड एक्ट्रेस काजोल एक बार फिर चर्चा में हैं—इस बार उनके एक बयान को लेकर, जो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है।
महाराष्ट्र राज्य फिल्म पुरस्कार 2025 के समारोह में जब काजोल से हिंदी में बात करने की गुज़ारिश की गई, तो उन्होंने मराठी में जवाब देते हुए स्पष्ट तौर पर कहा – "अब मैं हिंदी में बोलूंगी, जिसे समझना है, वो समझेगा।"
इस प्रतिक्रिया के बाद से सोशल मीडिया पर उन्हें जमकर ट्रोल किया जा रहा है।
मराठी में बात करने पर उठे सवाल
मुंबई में आयोजित पुरस्कार समारोह में काजोल को प्रतिष्ठित राज कपूर पुरस्कार से नवाजा गया। मंच पर बातचीत के दौरान वे पूरी तरह मराठी भाषा में बात कर रही थीं। जब कुछ पत्रकारों ने उनसे हिंदी में उत्तर देने को कहा, तो काजोल ने नाराजगी भरे लहजे में टाल दिया।
सोशल मीडिया पर मचा घमासान
उनके इस वीडियो पर प्रतिक्रियाओं का सैलाब आ गया है। कुछ यूजर्स ने कहा कि अगर काजोल को हिंदी बोलने में आपत्ति है तो उन्हें बॉलीवुड छोड़ देना चाहिए।
एक यूजर ने तीखी टिप्पणी करते हुए लिखा,
"हिंदी फिल्मों से पहचान मिली और आज हिंदी से ही परहेज है? ये दोहरा मापदंड क्यों?"
वहीं कई अन्य ने कहा कि एक्ट्रेस को अपने स्टारडम की वजह देने वाली भाषा के प्रति सम्मान दिखाना चाहिए।
महाराष्ट्र में भाषा को लेकर बढ़ रहा तनाव
काजोल का यह बयान ऐसे वक्त पर आया है जब महाराष्ट्र में भाषा को लेकर सामाजिक तनाव पहले से ही सुर्खियों में है।
बीते कुछ महीनों में मुंबई, ठाणे, पालघर जैसे इलाकों में गैर-मराठी भाषी लोगों पर हमला किया गया, जिनमें दुकानदार, ऑटो चालक, सिक्योरिटी गार्ड और आम नागरिक शामिल हैं।
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अप्रैल: मुंबई में एक सिक्योरिटी गार्ड को मराठी न बोलने पर पीटा गया।
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जुलाई: पालघर में ऑटो ड्राइवर से मारपीट।
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ठाणे: दो महिलाओं को मराठी में बात न करने पर हमला।
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मुंबई लोकल: महिलाओं के बीच भाषा को लेकर विवाद।
इन घटनाओं से भाषा के नाम पर फैलती असहिष्णुता पर चिंता जताई जा रही है।
काजोल की हालिया फिल्में
इस विवाद के बीच काजोल की प्रोफेशनल लाइफ पर नज़र डालें तो वह हाल ही में ओटीटी फिल्म 'सरजमीन' में नज़र आई थीं, जिसमें उनके साथ साउथ के अभिनेता पृथ्वीराज सुकुमारन थे। इससे पहले उनकी फिल्म 'मां' भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर रिलीज़ हुई थी।
इन प्रोजेक्ट्स में भी काजोल के अभिनय को सराहा गया, लेकिन अब उनके बयान ने उनके करियर से ज्यादा चर्चा बटोरी है।
क्या यह भाषा की राजनीति है?
विशेषज्ञ मानते हैं कि भाषा हमारी पहचान का हिस्सा है, लेकिन जब इसे ज़बरदस्ती थोपने या अपमान का कारण बनाया जाता है, तो वह असहिष्णुता बन जाती है। काजोल जैसे स्टार्स के बयानों का असर बहुत व्यापक होता है और इसीलिए उनकी प्रतिक्रिया पर सवाल उठना लाजिमी है।