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अमेरिका पर सीधा संदेश: किसानों के हितों से समझौता नहीं करेंगे – पीएम मोदी
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिका के टैरिफ फैसले और कृषि क्षेत्र में दबाव को लेकर गुरुवार को बड़ा बयान दिया। उन्होंने बिना अमेरिका का नाम लिए स्पष्ट कहा कि भारत अपने किसानों, पशुपालकों और मछुआरों के हितों से कभी समझौता नहीं करेगा, चाहे इसकी कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।
प्रधानमंत्री दिल्ली में आयोजित एमएस स्वामीनाथन शताब्दी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस मौके पर उन्होंने कृषि क्षेत्र में सुधार, किसानों की सुरक्षा और वैश्विक दबावों के खिलाफ भारत की स्पष्ट नीति का उल्लेख किया।
“कीमत चुकानी पड़े तो भी तैयार हूं”: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा,
“मैं जानता हूं कि व्यक्तिगत रूप से मुझे बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है, लेकिन मैं इसके लिए तैयार हूं। हमारे लिए अपने किसानों का हित सर्वोच्च प्राथमिकता है।”
उनका यह बयान अमेरिका द्वारा भारत से निर्यात होने वाले उत्पादों पर अतिरिक्त टैरिफ लागू किए जाने के अगले दिन आया है। अमेरिका, भारतीय बाजार में अपने कृषि और डेयरी उत्पादों की एंट्री चाहता है, लेकिन भारत सरकार किसानों के हितों की रक्षा के लिए इस पर अब तक सहमत नहीं हुई है।
भारत बनाम अमेरिका: कृषि और डेयरी सेक्टर में टकराव
5 प्रमुख मतभेद जो भारत और अमेरिका के बीच बने हुए हैं:
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अमेरिकी डेयरी उत्पादों को भारत में एंट्री की मांग, जबकि भारत को डर है कि इससे छोटे किसान और दूध उत्पादक तबका प्रभावित होगा।
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भारत की शर्त है कि दूध व अन्य उत्पाद पूर्णतः शाकाहारी हों, जबकि अमेरिका के कई डेयरी उत्पादों में पशु-जनित एंजाइम होते हैं।
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अमेरिका चाहता है कि भारत गेहूं, मक्का, सोया, फल आदि पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाए ताकि वह भारतीय बाजार में सस्ती बिक्री कर सके।
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GMO (जैव-प्रौद्योगिकी आधारित) फसलें भी अमेरिका भारत में बेचना चाहता है, लेकिन किसान संगठनों और सरकार का इसमें कड़ा विरोध है।
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भारत चाहता है कि स्थानीय किसानों की आजीविका और खाद्य सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए, जो इन मांगों से प्रभावित हो सकती है।
अमेरिकी टैरिफ का असर
अमेरिका ने भारत से आयात किए जाने वाले उत्पादों पर 7 अगस्त से 25% और 27 अगस्त से अतिरिक्त 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। इसका मतलब यह है कि अब भारतीय उत्पाद वहां महंगे बिकेंगे, जिससे उनकी मांग घट सकती है।
नतीजा: भारत के निर्यातकों को नुकसान, और अमेरिका भारत से ज्यादा आयात करने की बजाय अन्य विकल्पों की तलाश करेगा।
स्वामीनाथन को दी श्रद्धांजलि: "विज्ञान को जनसेवा का माध्यम बनाया"
सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी ने प्रोफेसर एमएस स्वामीनाथन को याद करते हुए कहा कि उन्होंने भारत की खाद्य सुरक्षा को अपने जीवन का ध्येय बनाया। उन्होंने कृषि विज्ञान को जनसेवा से जोड़ा और देश की नीतियों को नई दिशा दी।
पीएम मोदी की स्पीच की 3 बड़ी बातें:
1. किसानों को आत्मबल देने की योजनाएं
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PM किसान सम्मान निधि: सीधे खाते में आर्थिक सहायता
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PM फसल बीमा योजना: प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षा
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PM कृषि सिंचाई योजना: जल संकट से निजात
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10,000 FPOs का निर्माण: छोटे किसानों की सामूहिक ताकत
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e-NAM प्लेटफॉर्म: डिजिटल मंडियों से आसान बिक्री
2. स्वामीनाथन के साथ व्यक्तिगत जुड़ाव
पीएम ने बताया कि जब वे गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब स्वामीनाथन ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड की योजना में मार्गदर्शन दिया। इस पहल से कृषि उत्पादकता बढ़ी और भूमि की सेहत पर ध्यान गया।
3. भारत की नीति स्पष्ट: लोकल किसानों की प्राथमिकता
मोदी ने कहा कि भारत की प्राथमिकता स्थानीय किसान, पशुपालक और मछुआरे हैं। भारत उनकी आजिविका और सम्मान से कभी समझौता नहीं करेगा, चाहे वैश्विक दबाव कितना भी क्यों न हो।