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हाफ बिजली बिल योजना की बहाली की मांग पर कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन: लालटेन लेकर बिजली ऑफिस पहुंचे कार्यकर्ता
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राज्य सरकार द्वारा 'हाफ बिजली बिल' योजना में किए गए बदलावों का विरोध करते हुए मंगलवार को दुर्ग जिला ग्रामीण कांग्रेस ने जोरदार प्रदर्शन किया।
कांग्रेस कार्यकर्ता हाथों में लालटेन लेकर बिजली विभाग के कार्यालय पहुंचे और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए पुतला दहन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व जिला कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर ने किया।
राकेश ठाकुर ने कहा कि यह विरोध केवल बिजली बिल को लेकर नहीं है, बल्कि प्रदेश की ऊर्जा नीतियों पर केंद्रित है। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारें छत्तीसगढ़ की सरप्लस बिजली और कोयला भंडार को निजी उद्योगपतियों के हाथों सौंपने की साजिश रच रही हैं। “सरकार आम लोगों को सौर ऊर्जा उपकरण लगाने के लिए मजबूर कर रही है, जबकि सस्ती बिजली की उपलब्धता संभव है,” ठाकुर ने कहा।
संपदा पर कब्जे का आरोप
प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस नेताओं ने भाजपा सरकार पर जंगल, जमीन, कोयला और बिजली जैसी राज्य की संपत्तियों को अडानी समूह को बेचने का गंभीर आरोप लगाया। उनका कहना है कि जो प्रदेश बिजली उत्पादन में देश का नेतृत्व करता है, आज वहीं की जनता बिजली संकट और महंगे बिलों से जूझ रही है।
पूर्व विधायक अरुण वोरा ने कहा कि “हाफ बिजली बिल योजना की समाप्ति से लगभग 20 से 22 लाख उपभोक्ता सीधे तौर पर प्रभावित होंगे।” उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीएम सूर्याघर योजना व्यवहारिक नहीं है और यह आम आदमी की पहुंच से बाहर है।
स्मार्ट मीटर और बढ़ी दरों से जनता परेशान
वक्ताओं ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार कांग्रेस काल की जनहितैषी योजनाओं को बंद कर रही है। स्मार्ट मीटर और बढ़ी हुई बिजली दरों ने उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाल दिया है।
प्रदर्शन में पूर्व विधायक प्रतिमा चंद्राकर, अरुण वोरा, राजेंद्र साहू, नासिर खोखर, धीरज बाकलीवाल समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए। सभी ने एक स्वर में मांग की कि हाफ बिजली बिल योजना को तत्काल बहाल किया जाए और बढ़ी हुई बिजली दरें वापस ली जाएं।