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टीचर के थप्पड़ से छात्र का फटा कान, इलाज के बदले मिले 37 हजार में मामला सुलझाया
Khajuraho, MP

खजुराहो के सीएम राइज स्कूल में पढ़ने वाले कक्षा 12वीं के छात्र के साथ शिक्षक द्वारा की गई मारपीट ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है।
टीचर योगेश जैन द्वारा मारे गए जोरदार थप्पड़ से छात्र हिमांशु विश्वकर्मा का कान का पर्दा फट गया, जिससे उसे सुनने में दिक्कत होने लगी।
तीन दिन चुप रहा छात्र, धमकी मिली थी – फेल कर देंगे
पीड़ित छात्र के पिता ललिता विश्वकर्मा ने बताया कि बेटे ने घटना के बाद डर के चलते तीन दिन तक किसी को कुछ नहीं बताया। जब उसने घर में बात की तो तत्काल 29 जुलाई को छतरपुर और 31 जुलाई को ग्वालियर में इलाज कराया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि कान का पर्दा फट चुका है।
छात्र का आरोप है कि शिकायत करने पर प्रिंसिपल गणेश यादव ने उसे धमकाया कि – “अब न तुम स्कूल आओगे और न वो टीचर। अगर घर में बताया तो परीक्षा में फेल कर देंगे।”
37 हजार में ‘समझौता’, बाहर आया सच
परिजन जब शिकायत लेकर स्कूल पहुंचे तो प्रिंसिपल और कुछ स्थानीय लोगों ने 37 हजार रुपए देकर समझौता करने का दबाव बनाया। ये पैसा इलाज के लिए देने की बात कहकर मामला खत्म करने की कोशिश की गई। इस बात का खुलासा तब हुआ जब एबीवीपी के कार्यकर्ता सदस्यता अभियान के तहत स्कूल पहुंचे।
एबीवीपी की एंट्री से सामने आया मामला
एबीवीपी के सदस्य स्कूल में किसी अन्य मुद्दे पर प्रिंसिपल से बात कर रहे थे, तभी कुछ छात्रों ने बताया कि स्कूल में बच्चों के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार आम बात है। इसी दौरान हिमांशु की घटना का जिक्र हुआ, जिससे पूरी स्थिति सामने आई।
थप्पड़ बना स्थायी विकलांगता का कारण, कानूनी कार्रवाई बनती है
अधिवक्ता वीरेंद्र कुमार तिवारी के मुताबिक, कान का पर्दा फटना एक प्रकार की स्थायी दिव्यांगता मानी जाती है और यह आईपीसी की धारा 116(ग) के तहत आपराधिक मामला बनता है। उन्होंने कहा कि यदि छात्र चाहे तो कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।