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सेना में नौकरी का झांसा देकर 45 लाख की ठगी, मिलिट्री इंटेलिजेंस ने पकड़ा रिटायर्ड जवान
Jabalpur, MP

जबलपुर में सेना से रिटायर हुए एक पूर्व कर्मचारी ने देश सेवा के नाम पर धोखा कर डाला। आरोपी ने एक दर्जन से ज्यादा युवाओं को फर्जी भर्ती का सपना दिखाकर 45 लाख रुपये की ठगी की। मिलिट्री इंटेलिजेंस ने इस मामले का भंडाफोड़ कर आरोपी को पुलिस के हवाले कर दिया है।
आरोपी राजेश कुमार राजभर, जो कि जबलपुर स्थित मिलिट्री अस्पताल से 2016 में रिटायर हुआ था, ने सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर बेरोजगार युवक-युवतियों से लाखों रुपये वसूले। उसने अपनी पहचान और पूर्व अनुभव का फायदा उठाते हुए लोगों को झूठा विश्वास दिलाया कि वह उन्हें सेना में भर्ती करवा सकता है।
ऐसे सामने आया फर्जीवाड़ा
मिलिट्री ऑफिस में पिछले कुछ दिनों से युवक-युवतियां नियुक्ति पत्र लेकर चक्कर काट रहे थे। जब दस्तावेजों की पुष्टि की गई, तो सभी फर्जी निकले। जांच के दौरान राजेश राजभर का नाम सामने आया। इसके बाद मिलिट्री इंटेलिजेंस ने मढ़ई स्थित उसके घर पर छापा मारकर उसे रंगेहाथ पकड़ लिया।
बैंक खातों और कॉल डिटेल की जांच
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है और उसके बैंक अकाउंट व कॉल डिटेल्स की जांच की जा रही है। शुरुआती जांच में खुलासा हुआ कि कुछ लोगों से उसने नकद, तो कुछ से ऑनलाइन ट्रांसफर के माध्यम से रकम ऐंठी।
झांसे का तरीका भी था सुनियोजित
राजेश ने खुद को सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से परिचित बताते हुए कहा कि वह चिकित्सकीय परीक्षण पास करवा देगा, और बाकी प्रक्रिया उसके संपर्कों से पूरी हो जाएगी। इतना ही नहीं, वह कई युवाओं को मिलिट्री अस्पताल तक लेकर गया, जिससे उसका झूठ और भी प्रभावी लगे।
फर्जी जॉइनिंग लेटर भी बरामद
आरोपी के कब्जे से फर्जी नियुक्ति पत्र भी बरामद हुए हैं जिन पर फर्जी मोहर और संस्थाओं के नाम छपे हुए हैं। इनमें “506 आर्मी बेस वर्कशॉप”, “कमांडेंट मिलिट्री हॉस्पिटल”, “जैक आरआरसी जबलपुर” जैसे संस्थानों के जॉइनिंग लेटर शामिल हैं।
किन-किन से कितनी रकम ली गई?
पुलिस के अनुसार, अब तक सामने आए पीड़ितों से ली गई रकम इस प्रकार है:
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अशोक कुशवाहा – ₹10 लाख
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पूजा गुप्ता – ₹6.35 लाख
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प्रीति घोष – ₹4.65 लाख
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अरविंद कोल – ₹4.80 लाख
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भगवान दास राय – ₹1.70 लाख
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संजय सेंगर – ₹4 लाख
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नीलम सिंह – ₹3.50 लाख
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संतोष गुप्ता – ₹3.75 लाख
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संतोष कुमार – ₹2.84 लाख
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आशीष कोल – ₹2.30 लाख
पुलिस का मानना है कि यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है क्योंकि कई अन्य शिकायतें आनी अभी बाकी हैं।