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ओल्ड ट्रैफर्ड में इतिहास रचने उतरेगी टीम इंडिया: खत्म होगा 35 साल का सूखा?
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भारतीय क्रिकेट टीम इंग्लैंड दौरे पर अब उस ऐतिहासिक मैदान की ओर बढ़ रही है, जहां जीत का स्वाद चखने के लिए उसे बीते 35 वर्षों से इंतजार करना पड़ा है।
मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड मैदान पर भारत और इंग्लैंड के बीच एक और टेस्ट मुकाबला खेला जाना है — लेकिन यह केवल एक मैच नहीं, बल्कि इतिहास बदलने का मौका है।
टेस्ट इतिहास में नहीं मिली एक भी जीत
ओल्ड ट्रैफर्ड भारत के लिए अब तक अनलकी साबित हुआ है। भारतीय टीम यहां अब तक एक भी टेस्ट मैच नहीं जीत सकी है। आखिरी बार जब भारत ने यहां टेस्ट खेला था, वो था 2014, जिसमें भारत को एक पारी और 54 रन से शर्मनाक हार मिली थी। उससे पहले 1990 में खेले गए टेस्ट में भले ही टीम इंडिया ने मुकाबला ड्रॉ कराया हो, लेकिन जीत आज तक नसीब नहीं हुई।
1990 के बाद से नहीं लगा कोई टेस्ट शतक
इस मैदान पर आखिरी बार किसी भारतीय बल्लेबाज ने टेस्ट शतक 1990 में लगाया था, जब मोहम्मद अजहरुद्दीन ने पहली पारी में शतक जड़ा और फिर 17 साल के सचिन तेंदुलकर ने अपने करियर का पहला टेस्ट शतक बनाकर इतिहास रचा। इसके बाद से अब तक 35 साल बीत गए, मगर कोई भारतीय बल्लेबाज ओल्ड ट्रैफर्ड में तीन अंकों का आंकड़ा पार नहीं कर सका।
वनडे में चमका है भाग्य, पर टेस्ट में मायूसी
हालांकि वनडे फॉर्मेट में भारत को इस मैदान पर कुछ सुनहरे पल मिले हैं। 2019 वर्ल्ड कप में पाकिस्तान के खिलाफ रोहित शर्मा ने शानदार शतक जड़ा था और भारत ने शानदार जीत दर्ज की थी। वहीं 2022 में ऋषभ पंत ने भी एक यादगार वनडे शतक लगाया। लेकिन टेस्ट क्रिकेट में अब भी एक बड़ी जीत और शतक की तलाश बाकी है।
क्या गिल और जायसवाल बदलेंगे इतिहास?
अब नजरें युवा बल्लेबाजों शुभमन गिल और यशस्वी जायसवाल पर हैं, जिनसे उम्मीद की जा रही है कि वे इस बार इतिहास को दोहराएंगे नहीं, बल्कि नई इबारत लिखेंगे। इंग्लैंड की स्विंगिंग परिस्थितियों और ओल्ड ट्रैफर्ड के आंकड़ों को मात देकर अगर कोई भारतीय बल्लेबाज शतक जड़ता है, तो वह एक नई शुरुआत होगी।
कोरोना ने रोकी थी पिछली कोशिश
गौरतलब है कि 2021 की टेस्ट सीरीज में यह मैदान फिर टेस्ट मुकाबले का गवाह बनने वाला था, लेकिन कोरोना संक्रमण के चलते मुकाबला रद्द कर दिया गया था। अब 2025 में यह स्टेडियम एक बार फिर दोनों टीमों की भिड़ंत का मंच बनेगा — और भारत के पास होगा इतिहास बदलने का सुनहरा मौका।