मुठभेड़ में मारे गए 31 में से 28 नक्सलियों की हुई पहचान, IED ब्लास्ट में शामिल कमांडर भी ढेर

Raipur, CG

छत्तीसगढ़ पुलिस ने 28 नक्सलियों की पहचान की है। बीजापुर में मारे गए नक्सली कमांडर पर आईईडी धमाकों और कई हमलों में शामिल होने का आरोप था। मुठभेड़ में भारी मात्रा में हथियार बरामद हुए हैं। इस साल अब तक 89 नक्सली मारे गए हैं। बस्तर संभाग में नक्सलियों की गतिविधियां अभी भी जारी हैं।

छत्तीसगढ़ पुलिस ने बीजापुर में हुए एक मुठभेड़ में मारे गए नक्सली कमांडर समेत 28 माओवादियों की पहचान की है। ये मुठभेड़ इसी हफ्ते हुई थी। मारे गए माओवादियों में 17 पुरुष और 11 महिलाएं शामिल हैं। पुलिस का दावा है कि यह कमांडर पिछले महीने अंबेली में हुए IED ब्लास्ट में शामिल था। इस ब्लास्ट में 8 DRG जवान और एक ड्राइवर शहीद हो गए थे। माओवादियों से बरामद AK-47 राइफलें 2006, 2013 और 2014 में जवानों से लूटी गई थीं।


परिवार को सौंपे गए शव


बीजापुर एसपी जितेंद्र कुमार यादव ने बताया कि मारे गए माओवादियों के शव सभी जरूरी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं। मारा गया नक्सली कमांडर पश्चिम बस्तर डिवीजन का प्रमुख हंगा कर्मा (42) था। वह 1996 में CPI (माओवादी) संगठन में शामिल हुआ था। माना जाता है कि वह 2006, 2007, 2013 और 2025 में हुए कई IED हमलों और सुरक्षा शिविरों पर हमलों में शामिल था।


लंबे समय से सक्रिय था कर्मा


बस्तर IG सुंदरराज पी ने बताया कि कर्मा लंबे समय से सक्रिय था। वह हत्या, डकैती, लूट, अपहरण और सुरक्षा बलों पर हमले जैसे कई मामलों में शामिल था। उसके खिलाफ 11 वारंट लंबित थे और उस पर 8 लाख रुपए का इनाम था। उन्होंने आगे बताया कि 2024 में, हमने 10 AK-47 असॉल्ट राइफलें, 3 लाइट मशीन गन, 9 INSAS, 15 .303 राइफल और 286 अन्य हथियार और गोला-बारूद जब्त किए थे। जबकि 2025 में अब तक, हमने 2 AK-47, 2 INSAS, 3 .303 राइफल और 77 अन्य हथियार और गोला-बारूद जब्त किए हैं।


इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में हुई थी मुठभेड़


रविवार सुबह इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के एक जंगल में यह मुठभेड़ हुई थी। सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम नक्सल विरोधी अभियान पर निकली थी, तभी यह मुठभेड़ हुई। मुठभेड़ के बाद भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किए गए। इस ऑपरेशन में छत्तीसगढ़ पुलिस के दो जवान भी शहीद हो गए। इस ताजा ऑपरेशन के बाद इस साल मारे गए माओवादियों की संख्या 89 हो गई है। पिछले साल छत्तीसगढ़ में 287 माओवादी मारे गए थे, 1,000 गिरफ्तार किए गए थे और 837 ने आत्मसमर्पण किया था।


21-42 के बीच है इनकी उम्र


मारे गए माओवादियों की उम्र 21 से 42 साल के बीच थी। इनमें से तीन की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। बीजापुर एसपी जितेंद्र कुमार यादव ने कहा कि पहचान किए गए माओवादियों के शव आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद उनके परिवारों को सौंप दिए गए हैं।

बस्तर संभाग, जिसमें सात जिले - बीजापुर, सुकमा, दंतेवाड़ा, कोंडागांव, नारायणपुर, कांकेर और जगदलपुर शामिल हैं, माओवादियों का गढ़ माना जाता था। अधिकारियों ने बताया कि ज्यादातर क्षेत्र माओवादियों से मुक्त हो चुका है, लेकिन वे अभी भी बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर और दंतेवाड़ा के कुछ हिस्सों में सक्रिय हैं।

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