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बेमेतरा पुलिस में अनुकंपा नियुक्ति : 7 वर्षीय आलोक बना बाल आरक्षक, पुलिस परिवार में मिला नया सदस्य
Bemetra, CG

बेमेतरा जिला पुलिस कार्यालय में शनिवार को एक ऐसा पल देखने को मिला, जिसने हर किसी की आंखें नम कर दीं। केवल सात वर्ष की आयु में आलोक वर्मा को उसके दिवंगत पिता की सेवा के सम्मान में अनुकंपा आधार पर “बाल आरक्षक” नियुक्त किया गया। यह नन्हा बालक अब छत्तीसगढ़ पुलिस परिवार का आधिकारिक सदस्य बन गया है।
एसएसपी रामकृष्ण साहू ने जब आलोक को नियुक्ति पत्र सौंपा, तो उन्होंने उसके सिर पर स्नेह से हाथ रखते हुए कहा –
"अब तुम हमारे पुलिस परिवार का हिस्सा हो, बेटा।"
यह शब्द जितने सरल थे, उतने ही गहरे भावनात्मक भी।
आलोक अपनी मां प्रीतिलता वर्मा और चाचा संजय वर्मा के साथ एसएसपी कार्यालय पहुँचा था। वहां मौजूद अधिकारियों ने इस प्रक्रिया को न केवल औपचारिकता से, बल्कि संवेदनशीलता और आत्मीयता से पूर्ण किया। पुलिस विभाग की यह पहल आलोक के परिवार के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई। परिवार ने इस सहयोग और मानवीय व्यवहार के लिए पुलिस प्रशासन का आभार व्यक्त किया।
आलोक के पिता, स्वर्गीय संदीप वर्मा, बेमेतरा जिले में आरक्षक के पद पर तैनात थे। दुर्भाग्यवश, उनका आकस्मिक निधन 3 मार्च 2025 को हो गया था। इस दुखद घटना के बाद दुर्ग रेंज के पुलिस महानिरीक्षक रामगोपाल गर्ग ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल अनुकंपा नियुक्ति की प्रक्रिया को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए थे।
सभी आवश्यक औपचारिकताओं के संपन्न होने के बाद आलोक को "बाल आरक्षक" की मानद उपाधि दी गई – जो एक भावनात्मक, नैतिक और सामाजिक जिम्मेदारी का प्रतीक है।
यह घटना केवल एक नियुक्ति नहीं, बल्कि उस भावना की मिसाल है जो बताती है कि छत्तीसगढ़ पुलिस अपने शहीद जवानों के परिवारों को कभी अकेला नहीं छोड़ती। यह फैसला पुलिस विभाग की मानवीय सोच और सामाजिक उत्तरदायित्व की अद्वितीय झलक है।