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छत्तीसगढ़ के लाल इलाकों में बन रहे सपनों के घर: आत्मसमर्पित नक्सलियों और पीड़ित परिवारों को मिल रहा नया जीवन
Raipur,C.G

छत्तीसगढ़ सरकार ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों और हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक विशेष परियोजना की शुरुआत की है। इस योजना के अंतर्गत अब तक करीब 3,000 परिवारों के लिए पक्के मकानों की स्वीकृति दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस पहल को केवल "ईंट और सीमेंट की योजना" नहीं, बल्कि "सुरक्षा और विश्वास की नींव" बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर पात्र परिवार को सम्मानपूर्वक रहने के लिए एक पक्का घर मिले।
तीन महीने में तैयार हुए आशियाने, कठिन भौगोलिक परिस्थितियाँ भी नहीं बनीं बाधा
राज्य के दूरदराज़ इलाकों में जहां सड़कें नहीं हैं, वहां भी निर्माण कार्य तेजी से हुआ है। सुकमा की सोडी हुंगी और कांकेर की दशरी बाई के मकान मात्र तीन महीनों में बनकर तैयार हो गए। दोनों महिलाएं नक्सली हिंसा से परिवारिक क्षति झेल चुकी हैं। आज वे अपने नए पक्के घर में सुरक्षित जीवन जी रही हैं।
दसरी बाई ने बताया कि निर्माण सामग्री पहुँचाना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन प्रशासन और पंचायत की मदद से उनका घर बन सका। सोडी हुंगी, जिनके पति की नक्सलियों ने 2005 में हत्या कर दी थी, ने भी कहा कि अब उनका परिवार सुरक्षित और सम्मानजनक जीवन जी रहा है।
जिन्हें मुख्यधारा से जोड़ना था, वे अब विकास की मिसाल बन रहे हैं
इस योजना के तहत सबसे अधिक 984 घर सुकमा, 761 बीजापुर, 376 नारायणपुर, और अन्य जिलों में स्वीकृत हुए हैं। यह योजना उन परिवारों के लिए नई रोशनी लेकर आई है जो दशकों से अलगाव, हिंसा और डर के साये में जी रहे थे।
गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से सरकार न केवल पुनर्वास कर रही है, बल्कि स्थायी शांति और सामाजिक समावेशन का मार्ग प्रशस्त कर रही है। यह नीति संवेदनशील प्रशासन और मानवीय दृष्टिकोण का प्रतिबिंब है।