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भोपाल में जर्जर इमारत का कहर: दीवार गिरने से भिक्षुक की मौत, निगम पर लापरवाही के आरोप
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राजधानी भोपाल के टीटी नगर इलाके में बुधवार को एक दर्दनाक हादसे में एक अज्ञात भिक्षुक की मौत हो गई। हादसा एक जर्जर इमारत की दीवार गिरने से हुआ, जिसे नगर निगम ने वर्षों पहले ही खतरनाक घोषित कर रखा था। इस घटना ने प्रशासन की लापरवाही और जर्जर भवनों को लेकर चल रही सुस्त कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
जर्जर भवन में रह रहा था भिक्षुक, दीवार गिरते ही दबा
स्थानीय सूत्रों के अनुसार, जिस इमारत की दीवार गिरी, वह कई सालों से खाली पड़ी थी और इसे नगर निगम ने 'जर्जर और खतरनाक' घोषित किया था। बावजूद इसके, एक भिक्षुक व्यक्ति उसमें आश्रय लिए हुए था। बुधवार शाम अचानक इमारत की दीवार भरभरा कर गिर गई और वह व्यक्ति मलबे में दब गया। मौके पर पहुंची रेस्क्यू टीम ने उसे बाहर निकाला लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
पहले ही होनी थी तोड़फोड़, हादसे से पहले आई जेसीबी
जानकारी के मुताबिक, नगर निगम ने हादसे के मद्देनजर चार जेसीबी मशीनें पहले से मौके पर बुला ली थीं, ताकि जर्जर मकानों को गिराया जा सके। इस इलाके में चार अन्य मकान भी खतरे की सूची में थे, जिन्हें हटाने की कार्रवाई शुरू हो चुकी थी, लेकिन इससे पहले ही यह हादसा हो गया।
अब जागा प्रशासन, आसपास के मकानों को भी ढहाया जा रहा
हादसे के बाद प्रशासन ने तत्काल आसपास के अन्य जर्जर मकानों को गिराने का काम तेज कर दिया है। मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल और निगम की टीम तैनात है। फिलहाल मृतक की पहचान नहीं हो पाई है, लेकिन यह अनुमान लगाया जा रहा है कि वह स्थानीय भिक्षा मांगने वाला व्यक्ति था जो इमारत में अस्थायी रूप से रह रहा था।
प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर नगर निगम ने समय रहते कार्यवाही की होती तो यह हादसा टाला जा सकता था। इलाके के पार्षदों और रहवासियों ने मांग की है कि सभी खतरनाक इमारतों को जल्द से जल्द चिन्हित कर ढहाया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके।