- Hindi News
- टॉप न्यूज़
- विराट-अनुष्का की वृंदावन यात्रा: प्रेमानंद महाराज से मिले, आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त किया
विराट-अनुष्का की वृंदावन यात्रा: प्रेमानंद महाराज से मिले, आध्यात्मिक मार्गदर्शन प्राप्त किया
Jagran Desk

टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा के अगले ही दिन पूर्व भारतीय कप्तान विराट कोहली अपनी पत्नी व अभिनेत्री अनुष्का शर्मा के साथ सोमवार सुबह वृंदावन पहुंचे।
यहां दोनों ने प्रसिद्ध संत प्रेमानंद महाराज के केली कुंज आश्रम में पहुंचकर आशीर्वाद लिया और करीब दो घंटे से अधिक समय तक आध्यात्मिक वातावरण का अनुभव किया।
प्रेमानंद महाराज से निजी बातचीत, मिला 'नाम जप' का संदेश
सुबह 7:20 बजे रेडिसन होटल से निकले विराट और अनुष्का ने आश्रम पहुंचते ही महाराज को दंडवत प्रणाम किया। महाराज ने दोनों से मुस्कराते हुए पूछा – "प्रसन्न हो?" इस पर विराट ने मुस्कुरा कर उत्तर दिया – "हां।" महाराज ने उन्हें जीवन में आनंदपूर्वक 'नाम जप' करते रहने का संदेश दिया। अनुष्का ने जिज्ञासावश पूछा कि "क्या नाम जप से सब कुछ पूर्ण हो सकता है?" इस पर संत ने उत्तर दिया – "हां, निःसंदेह।"
विराट और अनुष्का के लिए विशेष संदेश: अंदर का चिंतन बदले
करीब 7 मिनट की निजी चर्चा में प्रेमानंद महाराज ने विराट-अनुष्का से कहा – “यश और वैभव भगवान की कृपा नहीं, बल्कि पुण्य का परिणाम है। भगवान की कृपा है – अंदर का चिंतन बदलना।” उन्होंने उन्हें सांसारिक जीवन जीते हुए भी भक्ति भाव से जुड़े रहने की प्रेरणा दी। महाराज ने कहा – “प्रभु जब कृपा करते हैं, तो संत का संग और फिर प्रतिकूलता देते हैं, जिससे जीव में वैराग्य उत्पन्न होता है।”
राधा नाम का महत्व बताया, 'नाम जप' को बताया सर्वोपरि
महाराज ने विराट और अनुष्का से कहा – “राधा-राधा का नाम जप करने से इसी जन्म में भगवत प्राप्ति संभव है। संख्या नहीं, भाव प्रधान है। यह जीवन का आधार बना लो।” उन्होंने कहा कि नाम जप घाटे का सौदा नहीं, बल्कि आत्मा के उत्थान का सीधा मार्ग है।
तीसरी बार पहुंचे वृंदावन, पिछली मुलाकात में मांगा था भक्ति का आशीर्वाद
यह विराट कोहली की वृंदावन की तीसरी यात्रा थी। वे जनवरी 2023 और जनवरी 2025 में भी प्रेमानंद महाराज से मिल चुके हैं। पिछली मुलाकात में विराट ने असफलता से उबरने का मार्ग पूछा था, जिस पर महाराज ने 'धैर्य और अभ्यास' को सफलता की कुंजी बताया था। अनुष्का ने भक्ति का विशेष आशीर्वाद मांगा था।
प्रेमानंद महाराज की पृष्ठभूमि: आठवीं तक की शिक्षा, परंतु आध्यात्मिक ऊंचाई पर
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के अखरी गांव में जन्मे प्रेमानंद महाराज (पूर्व नाम अनिरुद्ध पांडेय) की शिक्षा सिर्फ आठवीं कक्षा तक हुई। बचपन से ही आध्यात्मिक झुकाव के चलते उन्होंने सांसारिक शिक्षा छोड़, साधना का मार्ग अपनाया। आज देशभर से श्रद्धालु, साधक और सेलिब्रिटीज उनके आश्रम में मार्गदर्शन लेने पहुंचते हैं।